भारतीय नदी परिषद रूपी विचार कोविड के दौरान पनपा और शनैः-शनैः अंकुरित हुआ. दिल्ली स्थित भारत मंडपम के सभागार में देश के ६०० प्रबुद्धजनों की साक्षात् उपस्थिति में इस विचार ने पौधें के रूप में जड़ें पकड़ ली हैं. देश की नदियाँ वर्ष २०४७ तक निर्मल व अविरल बन सकें इस हेतु आशा हैं कि देश के नदी प्रेमी इसको सहर्ष अपनायेंगे. देश के हज़ारों-लाखों नदी प्रेमी भारतीय नदी परिषद् के इस सामूहिक विचार को अपनी समझ से खाद-पानी देंगे. भारतीय नदी परिषद् रूपी यह पौधा अब दरख़्त बनने की लालसा में देश के हवाले है.
May 10 2025
May 02 2025
May 12 2025